हमारे जीवन का सबसे श्रेष्ठतम समय होता है ये बचपन। हमारे जीवन का सबसे श्रेष्ठतम समय होता है ये बचपन।
कागज़ की कश्ती थी, खेलने की मस्ती थी, दिल ये आवारा था तितली जैसा निराला था कागज़ की कश्ती थी, खेलने की मस्ती थी, दिल ये आवारा था तितली जैसा निराला था
मैंने भी मन के बिखरे शब्दों को समेट कर लेखनी को कहा तू ही बंया इन्हें अब कर। मैंने भी मन के बिखरे शब्दों को समेट कर लेखनी को कहा तू ही बंया इन्हें अब कर।
तरसते है लोग हाथ की सुंदर लिखावट को देखने के लिए , तरसते है लोग हाथ की सुंदर लिखावट को देखने के लिए ,
भवतारिणी मान इस सिंधु को तू यात्रा का आनंद उठा। भवतारिणी मान इस सिंधु को तू यात्रा का आनंद उठा।
हसीं की महफिलों में देखो छा गए हैं वो। हसीं की महफिलों में देखो छा गए हैं वो।